हाल ही में, गूगल को यूरोपीय न्यायालय ने £2.4 बिलियन (करीब ₹26,172 करोड़) का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। यह जुर्माना गूगल की शॉपिंग तुलना सेवा में अपने प्रभुत्व के दुरुपयोग के कारण लगाया गया है। इस मामले की शुरुआत एक यूके के दंपति, शिवॉन और एडम रैफ, ने की थी। वे Foundem नामक एक प्राइस तुलना वेबसाइट के संस्थापक हैं, जिन्होंने गूगल के खिलाफ 15 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।
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कैसे शुरू हुई कानूनी लड़ाई: Foundem का लॉन्च और गूगल की बाधाएं
2006 में, शिवॉन और एडम ने Foundem नामक वेबसाइट शुरू की थी। यह एक प्राइस तुलना सेवा थी, जो विभिन्न प्रोडक्ट्स की तुलना करती थी। लेकिन वेबसाइट के लाइव होते ही, उन्हें महसूस हुआ कि गूगल की खोज में उनकी वेबसाइट “प्राइस तुलना” जैसे जरूरी कीवर्ड्स पर बहुत नीचे दिखाई देती है। इसकी वजह गूगल के स्वचालित स्पैम फिल्टर थे, जिसने उनकी वेबसाइट की रैंकिंग को दबा दिया था। इसके चलते उनकी वेबसाइट पर ट्रैफिक काफी कम हो गया और बिजनेस पर बुरा असर पड़ा।
शिवॉन और एडम ने दो साल तक लगातार गूगल से संपर्क किया ताकि इस प्रतिबंध को हटवाया जा सके, पर उनकी कोशिशें नाकाम रहीं। उन्होंने पाया कि अन्य सर्च इंजनों पर उनकी वेबसाइट सामान्य रूप से रैंक कर रही थी, लेकिन गूगल पर न दिखाई देने से उन्हें नुकसान झेलना पड़ा। अंततः, इस दबाव के चलते उन्हें 2016 में Foundem को बंद करना पड़ा।
यूरोपीय आयोग की एंटीट्रस्ट जांच और गूगल पर कार्रवाई
2010 में रैफ दंपति ने यूरोपीय आयोग से संपर्क किया, जिसके बाद इस मामले पर गहरी जांच की गई। आयोग ने पाया कि गूगल ने अपनी शॉपिंग सेवा को प्राथमिकता देकर प्रतिस्पर्धियों जैसे Foundem को नुकसान पहुंचाया है। इसके चलते, 2017 में यूरोपीय आयोग ने गूगल पर £2.4 बिलियन का भारी जुर्माना लगाया, जो उस समय का सबसे बड़ा एंटीट्रस्ट जुर्माना था।
गूगल ने इस फैसले को चुनौती देते हुए यूरोप की सर्वोच्च अदालत में अपील की, लेकिन 2024 में यह अपील खारिज कर दी गई।
भविष्य की चुनौतियाँ और रैफ दंपति का संघर्ष जारी
हालांकि गूगल पर जुर्माना लग चुका है, लेकिन रैफ दंपति के अनुसार यह लड़ाई अब भी खत्म नहीं हुई है। गूगल का कहना है कि उसने 2017 में आदेशों का पालन करते हुए अपने शॉपिंग तुलना सेवा में सुधार किए हैं और 800 से अधिक अन्य तुलना सेवाओं के लिए अरबों क्लिक उपलब्ध कराए हैं। इसके बावजूद, शिवॉन और एडम का मानना है कि गूगल का व्यवहार अब भी प्रतिस्पर्धा-विरोधी है।
रैफ दंपति ने 2026 में गूगल के खिलाफ नागरिक क्षतिपूर्ति का दावा दायर करने की योजना बनाई है, ताकि उन्हें हुए नुकसान की भरपाई हो सके। यह 15 साल की लंबी कानूनी लड़ाई उनकी दृढ़ता का प्रतीक है।