मोहम्मद शमी की लंबे इंतजार के बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 360 दिनों के बाद रणजी ट्रॉफी में बंगाल की ओर से मैदान पर वापसी की। 34 वर्षीय शमी ने 2018 के बाद पहली बार रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेला, जब वे केरल के खिलाफ एक मैच खेले थे। उनकी इस वापसी का महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि वे अपने छोटे भाई मोहम्मद कैफ के साथ पहली बार सीनियर स्तर पर एक ही टीम में खेल रहे हैं। कैफ, जो एक तेज गेंदबाज हैं, ने इस साल की शुरुआत में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था और अब तक आठ मैचों में 22 विकेट अपने नाम कर चुके हैं।

शमी का फिटनेस संघर्ष और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में संभावित भूमिका

पिछले साल के वर्ल्ड कप के दौरान चोटिल हुए शमी ने सर्जरी करवाई थी, लेकिन फिर से एक घुटने की सूजन की समस्या के कारण उनकी वापसी में देरी हुई। हालांकि, उन्होंने रणजी ट्रॉफी में खेलकर अपनी फिटनेस साबित करने का निर्णय लिया है, जिससे चयनकर्ता उनकी स्थिति का आकलन कर सकें। अगर शमी पूर्ण रूप से फिट रहते हैं, तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे भाग के लिए टीम में शामिल किए जाने की उम्मीद है। इस बीच, उनके पास कुछ और अभ्यास मैच खेलने का मौका भी है, जिससे उनकी टेस्ट क्रिकेट में वापसी को मजबूत आधार मिल सकता है।

राउंड 5 का रोमांच: शमी की वापसी और स्मॉग का असर

रणजी ट्रॉफी का पांचवां राउंड खेला जा रहा है, जो सफेद गेंद के सीजन से पहले का अंतिम राउंड है। इस बार का प्रमुख आकर्षण शमी की वापसी है, लेकिन कई खेलों में स्मॉग के कारण देरी हुई, खासकर उत्तरी भारत के मैदानों में। दिल्ली में धुंध के कारण खेल देरी से शुरू हुआ और पहले घंटे में गेंदबाजों का दबदबा रहा। वहीं, कर्नाटक के खिलाफ उत्तर प्रदेश ने शुरुआती ओवरों में ही पांच विकेट गंवा दिए, जिसमें कर्नाटक के तेज गेंदबाजों का अहम योगदान रहा।

बंगाल की टीम पर असर और शमी की भूमिका

बंगाल की टीम को मध्य प्रदेश के खिलाफ बल्लेबाजी के लिए उतारा गया, जहां शमी को अपने कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। यह खेल न केवल उनकी फिटनेस का आकलन करेगा, बल्कि चयनकर्ताओं को यह देखने का मौका भी देगा कि क्या वे आगामी टेस्ट सीरीज के लिए पूरी तरह तैयार

Leave a Comment