जानें छठ पूजा की तिथियां, इसका धार्मिक महत्त्व और चार दिवसीय अनुष्ठानों की जानकारी।
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मइया को समर्पित है। इसमें स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति की कामना की जाती है।
छठ पूजा का उद्देश्य
इस दिन भक्त पवित्र स्नान कर शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। यह पर्व की शुरुआत का प्रतीक है।
हला दिन - नहाय खाय (5 नवंबर)
सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद अर्पित किया जाता है।
दूसरा दिन - खरना (6 नवंबर)
भक्त डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं और पारंपरिक गीतों के साथ सूर्य देव का आभार व्यक्त करते हैं।
तीसरा दिन - संध्या अर्घ्य (7 नवंबर)
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उपवास समाप्त किया जाता है। यह स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना का प्रतीक है।
चौथा दिन - उषा अर्घ्य (8 नवंबर)
सूर्य देव को जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। छठ पूजा के माध्यम से जीवन के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।
सूर्य देव की उपासना का महत्व
चार दिनों के कठिन उपवास और अनुष्ठानों के बाद भक्त मन और शरीर की शुद्धता का अनुभव करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
छठ पूजा का समापन