पहलगाम हमले के बाद भारत के सख्त कदम: इंडस जल संधि रुकी, अटारी बॉर्डर बंद

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस दुखद घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें इंडस जल संधि को निलंबित करना और वाघा-अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद करना शामिल है। आइए, इन फैसलों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

पहलगाम हमला: क्या हुआ?

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाइसरण मेडो में आतंकवादियों ने अचानक पर्यटकों पर हमला कर दिया। यह जगह अपनी खूबसूरती के लिए ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जानी जाती है। आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने किया, जिसके पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई है।

इस हमले ने न केवल भारत को दुखी किया, बल्कि यह भी दिखाया कि पाकिस्तान अपनी आतंकी गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा। इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा है, और सरकार ने इसका जवाब देने के लिए तुरंत कदम उठाए।

इंडस जल संधि को क्यों रोका गया?

इंडस जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसके तहत इंडस नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा होता है। इस संधि के अनुसार, पाकिस्तान को इन नदियों का करीब 80% पानी मिलता है। लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित करने का फैसला लिया।

विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि आतंकवाद और शांति एक साथ नहीं चल सकते। पूर्व राजदूत कंवल सिब्बल ने भी कहा था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” इस फैसले को पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह इस पानी पर बहुत हद तक निर्भर है।

वाघा-अटारी बॉर्डर बंद और अन्य कदम

इंडस जल संधि के साथ-साथ भारत ने वाघा-अटारी बॉर्डर को भी तुरंत बंद कर दिया। इसके अलावा, कई और सख्त कदम उठाए गए हैं:

  • पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा बंद कर दिए गए हैं।
  • पाकिस्तान में भारतीय दूतावास बंद कर दिया गया है।
  • पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
  • पाकिस्तानी सेना के सलाहकारों को भारत में ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित किया गया है।

ये फैसले दिखाते हैं कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ और सख्ती से निपटने के मूड में है।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और सऊदी अरब का अपना दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट आए। उन्होंने दिल्ली में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक की, जिसमें सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। पीएम मोदी ने कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और हमले की जगह का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सुरक्षा बलों के साथ समीक्षा बैठक की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि आने वाले दिनों में इस हमले का “उचित जवाब” दिया जाएगा।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई

पहलगाम हमला कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 2016 में उरी और 2019 में पुलवामा में हुए हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे कदम उठाए थे। इस बार भी खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने अपनी सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है, क्योंकि उसे भारत की जवाबी कार्रवाई का डर है।

सुरक्षा बलों ने पहलगाम के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। फोलिएज पेनेट्रेटिंग रडार जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि घने जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढा जा सके।

आम लोगों का गुस्सा और एकजुटता

इस हमले के बाद देशभर में गुस्सा और दुख का माहौल है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं। कई लोग इस हमले को भारत का “7 अक्टूबर” बता रहे हैं, जैसा कि इजरायल में हुआ था। बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक दलों तक, सभी ने इस हमले की निंदा की है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का वादा किया है।

आगे क्या?

पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। भारत के इन सख्त कदमों से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे आतंकवाद पर लगाम लगेगी? सरकार और सुरक्षा बल पूरी तरह से अलर्ट पर हैं, और आने वाले दिन इस मामले में और बड़े फैसले देख सकते हैं।

हमें उम्मीद है कि पहलगाम जैसे हमले भविष्य में न हों और कश्मीर की खूबसूरत वादियां हमेशा शांति और पर्यटन का प्रतीक बनी रहें। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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